वास्तव में अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक स्थितियों और परिस्थितियों में कोई बड़ा अन्तर नहीं है। ये दोनों एक-दूसरे से इस प्रकार जुड़ी हुई हैं कि इन्हें अलग नहीं किया जा सकता। यदि सामुदायिक स्वच्छता हो तथा व्यक्ति को खाने के लिए पौष्टिक भोजन प्राप्त हो तो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बना रहेगा। जब वातावरण दूषित हो और सब तरफ गन्दगी फैली हो तो शारीरिक रोग तो परेशान करेंगे ही साथ ही मानसिक पीड़ा भी होगी। निर्धनता के कारण यदि भोजन की प्राप्ति न हो, पेट खाली रहे तो मानसिक क्लेश के साथ अल्पपोषण और कुपोषण से सम्बन्धित रोग भी सतायेंगे। उपरोक्त दोनों प्रश्न के उत्तर एक ही हैं। इनमें कोई मौलिक अन्तर नहीं है।