लौह अयस्क से स्टील बनाते समय जो अभिक्रिया होती है, वह आयरन (II ) ऑक्साइड का कार्बोन मोनोऑक्सीडे के द्वारा उपचयन है एवं इससे धात्विक लौह एवं `CO_(2)` मिलते है।
`FeO(s) + CO(g) ltimplies Fe(s) +CO_(2)(g)`,
`K_(p)=0.265 "atm"` at 1050 K
1050 K पर CO एवं `CO_(2)` के साम्य पर आंशिक दाब क्यों होंगे? यदि उनके प्रारंभिक आंशिक दाब क्रमश: है-
`P_(CO)=1.4` atm एवं `P_(CO_(2)) = 0.80` atm