प्रश्नानुसार, तार की लम्बाई L = 10 मीटर, द्रव्यमान `m=50xx10=500` ग्राम = 0.5 क्रिगा, तार के पदार्थ का घनत्व `8.9xx10^(3)" क्रिगा"//मीटर"^(3)"|"`
अत: तार का अनुप्रस्थ-परिच्छेद
`A=("आयतन")/("लम्बाई")=(m//d)/(L)=(0.5//(8.9xx10^(3)))/(10)`
`=5.6xx10^(-6)" मीटर"^(2)"|"`
तार पर लटकाया गया भार M g, तार की पूरी लम्बाई L में वृद्धि करता है | इसके कारण
प्रतिबल `=("M g")/(A)=(2" क्रिगा"xx9.8" न्यूटन"//"किग्रा")/(5.6xx10^(-6)" मीटर"^(2))`
`=3.5xx10^(6)" न्यूटन"//"मीटर"^(2)" तथा विकृति "=DeltaL//L`
जहाँ `DeltaL` तार की लम्बाई में वृद्धि है | हुक के नियम से
यंग-प्रत्यास्थता गुणांक `Y=("प्रतिबल")/("विकृति")=("M g"//A)/(DeltaL//L).`
`:.DeltaL=(("M g"//A)xxL)/(Y)=((3.5xx10^(6)" न्यूटन"//"मीटर"^(2))xx10" मीटर")/(1.2xx10^(11)"न्यूटन"//"मीटर"^(2))`
`=29xx10^(-5)" मीटर"=29xx10^(-2)" मिमी"=0.29" मिमी |"`
तार का अपना भार m g (= 0.5 किग्रा) लटकाये गये भार M g (= 2 किग्रा) का एक-चौथाई है (नगण्य नहीं है)| अत: इसके कारण भी तार की लम्बाई में वृद्धि होगी, परन्तु चूँकि यह तार के गुरुत्व-केन्द्र पर कार्यरत है, अत: यह तार की केवल आधी लम्बाई में वृद्धि करेगा | स्पष्ट है की यह वृद्धि भार के कारण वृद्धि का केवल `1//8` भाग अर्थात `(0.29" मिमी")/(8)=0.036` मिमी होगी | अत:
कुल वृद्धि `=0.29" मिमी "+0.036" मिमी "=0.326" मिमी |"`