एक धातु से पृष्ठ से उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों का निरोधी विभव `V_(1)` है , जब आवृत्ति `v_(1)` का एकवर्णीय प्रकाश इस एकवर्णीय प्रकाश इस पर डाला जाता है । जब एक अन्य आवृत्ति का एकवर्णीय प्रकाश डाला जाता है , तो निरोधी विभव `V_(2)` हो जाता है , यदि h प्लांक नियतांक है तथा e इलेक्ट्रॉन का आवेश है तो दूसरी स्थिति में प्रकाश की आवृत्ति है :
A. `v_(1)-(e)/(h)(V_(2)-V_(1))`
B. `v_(1)+(e)/(h)(V_(2)+V_(1))`
C. `v_(1)-(e)/(h) (V_(2)+V_(1))`
D. `v_(1)+(e)/(h)(V_(2)-V_(1))`.