`MnO_(4)^(-),Cl^(-)` आयन को निम्न समीकरण के अनुसार ऑक्सीकृत करता है
`Mn^(7+)+5etoMn^(2+)," "2Cl^(-)toCl_(2)+2e`
अतः `E_("cell")^(@)=E_(OPCl^(-)//Cl_(2))^(@)+E_(RPMn^(7+)//Mn^(2+))^(@)=-1.40+1.51=0.11` वोल्ट अर्थात अभिक्रिया संभव है
`MnO_(4)^(-),Fe^(2+)` को `Fe^(3+)` में ऑक्सीकृत करता है
`E_("cell")^(@)=E_(OPFe^(2+)//Fe^(3+))^(@)+E_(RPMn^(7+)//Mn^(2+))^(@)`
`=-0.77+1.51=0.74` वोल्ट अर्थात अभिक्रिया संभव है
अतः `MnO_(4)^(-)` आयन `Fe^(2+)` को जलीय HCl में `Fe^(3+)` में ऑक्सीकृत ही नहीं करेगा बल्कि यह `Cl^(-)` को `Cl_(2)` में भी ऑक्सीकृत कर देगा उपयुक्त ऑक्सीकारक को `Cl^(-)` को `Cl_(2)` में ऑक्सीकृत नहीं करना चाहिए । अपितु केवल `Fe^(2+)` को `Fe^(3+)` में ऑक्सीकृत करना चाहिए ।