Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
94 views
in Physics by (89.4k points)
closed by
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए-
(a) किसी वस्तु द्वारा नेत्र पर अन्तरित कोण आवर्धक लेन्स द्वारा उतपन्न आभासी प्रतिबिम्ब द्वारा नेत्र पर अन्तरित कोण के बराबर होता है | तब फिर किन अर्थो में कोई आवर्धक लेन्स कोणीय आवर्धन प्रदान करता है ?
(b) किसी आवर्धक लेन्स से देखते समय प्रेक्षक अपने नेत्र को लेन्स से अत्यधिक सटाकर रखता है| यदि प्रेक्षक अपने नेत्र को पीछे ले जाए तो क्या कोणीय आवर्धन परिवर्तित हो जाएगा ?
(c ) किसी सरल सुक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता उसकी फोकस दूरी के व्यत्क्रमानुपाती होती है| तब हमें अधिकाधिक आवर्धन क्षमता प्राप्त करने के लिए कम से कम फोकस दूरी के उत्तल लेन्स का उपयोग करने से कौन रोकता है ?
(d) किसी संयुक्त सुक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स तथा नेत्रिका लेन्स दोनों ही की फोकस दूरी कितनी होनी चाहिए ?
(e ) संयुक्त सुक्ष्मदर्शी द्वारा देखते समय सर्वोत्तम दर्शन के लिए हमारे नेत्र, नेत्रिका पर स्थित न होकर उससे कुछ दूरी पर होने चाहिएँ | क्यों ? नेत्र तथा नेत्रिका के बीच की यह अल्प दूरी कितनी होनी चाहिए ?

1 Answer

0 votes
by (89.4k points)
selected by
 
Best answer
(a) चूँकि प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार से बहुत अधिक है तथा प्रतिबिम्ब व वस्तु के कोणीय आकार समान है| एक अति उच्च आर्वधित काँच के द्वारा स्पष्ट दृष्टि के न्यूनतम दूरी (25 सेमीo ) से कम दूरी पर प्रतिबिम को स्पष्ट देखा जा सकता है| जैसे ही वस्तु की दूरी घटती है वैसे ही कोणीय आकार बढ़ता है|
(b) हाँ, कोणीय आवर्धन परिवर्तित होता है | जैसे ही आर्वधक काँच के बीच की दूरी बढ़ती है वैसे ही कोणीय आर्वधन घटता है|
(c ) हम ऐसा लेन्स सुगमता से नहीं बना सकते है ,जिसकी फोकस दूरी अति अल्प हो |
(d) नेत्रिका लेन्स की फोकस दूरी `((25)/(f_(e ))+1)` है |
चूँकि `f_(e )` अल्प है, अतः कोणीय आवर्धन उच्च होगा| पुनः अभिदृश्यक लेन्स का आर्वधन `(upsilon)/(u)` होगा | जैसे ही वस्तु अभिदृश्यक लेन्स के फोकस तल में लायी जाती है ,`u~~f_(0)`. आवर्धन `((upsilon)/(f_(0)))`बढ़ाने हेतु `f_(0)` अल्प होना चाहिए | ,
अतः `f_(0)` तथा `f_(e )` दोनों अल्प है |
(e ) जब हम अपनी आँखे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के अतिसमीप रखते है तब हम पर्याप्त मात्रा में आपतित किरणों को ग्रहण नहीं कर पाते क्योकि दृष्टि-योग्य क्षेत्र घट जाता है | अतः प्रतिबिम्ब की स्पष्टता धुधंली हो जाती है|
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए आँखे नेत्रिका से सती होनी चाहिए|

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...