Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
166 views
in Chemistry by (93.6k points)
closed by
निम्न को कारण सहित स्पष्ट कीजिए -
(i) `d ^(4 ) ` स्पीशीज में `Cr ^(2 +)` प्रबल अपचायक होता है जबकि मैंगनीज (III) प्रबल ऑक्सीकारक ।
(ii) जलीय विलयन में कोबाल्ट (II) स्थायी होता है परन्तु जटिलीकरण अभिकारकों में यह सरलता से ऑक्सीकृत हो जाता है।
(iii) आयनों में `d ^(1 )` अभिविन्यास अत्यधिक अस्थायी होता है।

1 Answer

0 votes
by (92.3k points)
selected by
 
Best answer
(i) `Cr ^(2 +)` प्रबल ऑक्सीकारक होता है क्योंकि इसमें `3d ^(4 )` से `3d ^(3 )` का परिवर्तन निहित है। `3d ^(3 )` का परिवर्तन निहित है। `3d ^(3 )` विन्यास `(t _(2g )^(3 ))` अधिक स्थायी है। `Mn ^(3 +)` के ऑक्सीकारक गुणों में `3d ^(4 )` से `3d ^(5 ) ` का परिवर्तन होता है तथा `3d ^(5 ) ` अधिक स्थायी विन्यास है। यही कारण है की `Mn ^(3 +)` प्रबल ऑक्सीकारक है।
(ii) जटिलीकरण अभिकर्मकों की उपस्थिति में क्रिस्टल फील्ड स्थिरीकरण ऊर्जा ( CFSE ) कोबाल्ट की त्रितीय आयनन एन्थैल्पी से अधिक होती है। इस प्रकार Co (II) सरलता से Co (III) में ऑक्सीकृत हो जाता है।
(iii) वे आयन जिनमें `d ^(1 ) ` विन्यास होता है, वे d - उपकक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन को त्यागने की प्रवृत्ति रखते हैं तथा अधिक स्थायी `d ^(0 )` विन्यास प्राप्त कर लेते है। यह सरलता से संपन्न हो सकता है क्योंकि जलयोजन या जालक ऊर्जा का मान d - उपकक्ष से इलेक्ट्रॉन के पृथक्कीकरण में निहित आयनन एन्थैल्पी से अधिक होता है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...