Correct Answer - 2-ऐथिलबैन्जेल्डिहाइड
दी गयी अभिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि संदर्भित यौगिक एक ऐल्डिहाइड है तथा इसमें `alpha`-हाइड्रोजन परमाणु अनुपस्थित हैं (क्योकि यह कैनिजारो अभिक्रिया दर्शाता है)। अणुसूत्र `C_(9)H_(10)O` दर्शाता है कि यौगिक को ऐथिल बैन्जेल्डिहाइड होना चाहिए।
`H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-CHO`
दी गयी अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार लिखी जा सकती हैं-
`H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-CHO+underset("टॉलन अभिकर्मक")(2[Ag(NH_(3))_(2)]^(+)OH^(-))to`
`H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-COONH_(4)+2Ag+3NH_(3)+H_(2)O`
`2H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-CHO+underset("सान्द्र")(NaOH)underset("कैनिजारो अभिक्रिया")overset(Delta)to`
`H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-CH_(2)OH+H_(5)C_(2)-C_(6)H_(4)-COONa`
चूँकि ऑक्सीकरण पर यह बैन्जीन-1, 2-डाइकाबोंक्सिलिक अम्ल बनाता है। अत: `C_(2)H_(5)` तथा CHO समूह वलय पर ऑर्थो स्थितियों अर्थात् 1, 2-स्थितियों पर स्थित होने चाहिए। अतः दिया गया यौगिक 2-ऐथिलबैन्जेल्डिहाइड है।
