ऐमीन तथा ऐल्कोहॉल एक प्रोटॉन त्यागकर निम्न प्रकार से क्रमशः `R-NH^(-)` तथा `RO^(-)` आयन बनाते है।
`underset("Alcohol")(R-NH_(2))toRHN^(-)+H^(+)`
`underset(Alcohol")(R-OH)toT-O^(-)+H^(+)`
O परमाणु N परमाणु से अधिक विधुत त्राणात्मक होने के करना त्रण आवेश को अधिक प्रभावशाली रूप में समयोजित कर सकता है। इस कारण `R-O^(-)` आयन `RNH^(-)` आयन कि तुलना में अधिक स्थिर होता है। इस कारण ही ऐमीन प्रोटॉन को त्यागने में कम दश्ता प्रदर्शित करते है और समान अणुभार के एल्कोहॉलों कि तुलना में काम अम्लीय होते है।
(ii) तृतीयक ऐमीनो में उपस्थित तीन बड़े ऐल्किल समूह जलविरोधी (hydrophobic) होते है और ऐमीन के जल अणुओ के साथ बने हाइड्रोजन बंधो को दुर्बल करते है, और कम ऊर्जा से तोड़े जा सकते है। यही कारण है कि प्राथमिक ऐमीनो के क्वथनांक तृतीयक ऐमीनो कि तुलना में अधिक होते है
(iii) कृपया पाठ्य देखे।