दोनों गुटकों तथा स्प्रिंग को मिलाकर निकाय मानें। इस निकाय पर क्षैतिज दिशा में कोई बाहरी बल नहीं लग रहा है। अतः, इसका संवेग स्थिर रहेगा। प्रारंभ में गुटके तथा स्प्रिंग स्थिर हैं, अतः कुल संवेग शून्य है। अंत में यदि M द्रव्यमान का गुटका V वेग से तथा mm द्रव्यमान का गुटका D वग से चले, तो कुल संवेग MV - mu होगा। स्प्रिंग का भार नगण्य होने के कारण उसका संवेग शून्य लिया गया है। अतः,
` " "MV-mv =0`
या ` " "V= (m)/(M) v." "...(i) `
प्रारंभिक में निकाय की कुल यांत्रिक ऊर्जा ` =(1)/(2) kx^(2)`
अंत में निकाय की कुल यांत्रिक ऊर्जा `= (1)/(2) mv^(2) + (1)/(2) MV^(2)`
चूँकि निकाय पर कोई बाहरी बल कार्य नहीं कर रहा है, इसलिए यांत्रिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा|
अतः ` " "(1)/(2)kx^(2) =(1)/(2) mv^(2) +(1)/(2) MV^(2) " "...(ii) `
समीकरण (i ) का उपयोग करने पर,
` " "(1)/(2) kx^(2) =(1)/(2) mv^(2) +(1)/(2) (m^(2) )/(M) v^(2)`
` " "kx^(2) =mv^(2) (1+ (m)/(M)) `
अतः ` v= sqrt((kM)/(M(M+m) ))x`
तथा `V=sqrt((km)/(M(M+m)))x`