मान लें कि टक्कर के तुरंत बाद पलड़े का वेग =V है। पलड़े तथा कण के बीच पूर्ण अप्रत्यास्थ टक्कर हो रही है। पर, इस निकाय पर टक्कर के दौरान दो बाहरी बल लग रहे हैं, भार तथा दाहिनी ओर की डोरी द्वारा ऊपर की और बल। भार का बल एक निश्चित मान का है और चूंकि टक्कर बहुत कम समय में संपन्न होती है, भार के कारण टक्कर के दौरान संवेग में परिवर्तन नगण्य है। टक्कर के कारण अंति अल्प समय में गुटका भी V वेग प्राप्त कर लेता है, अर्थात इस अल्प काल में गुटके का त्वरण बहुत अधिक है और इसलिए रस्सी का तनाव भी बहुत अधिक है। अतः, तनाव के कारण सं्वेग परिवर्तन को नगण्य नहीं माना. जा सकता।
टक्कर के कारण कण ,पलड़े तथा गुटके,प्रत्येक के संवेग में परिवर्तन की गणना करें|
मान लें की टक्कर के दौरान डोरी का तनाव =T तथा कण पर पलड़े द्वारा अभिलम्ब बल N के मान भी बदलेगें|
कण के संवेग में परिवर्तन ` int _0 ^(Deltat) Ndt `
अतः ` int _0^(Delta t) Ndt = mv -mV" "...(i)`
गुटके के संवेग में परिवर्त्तन `= int _(0) ^(Delta t) Tdt `
अतः ` int _(0) ^(Delta t) Tdt =mV" "...(ii)`
पलड़े के संवेग में परिवर्तन ` = int _(0) ^(Delta t ) (N-T) dt =mV" "...(iii)`
हमने चिन्ह इस तरह लिखे है की N तथा T के धनात्मक मान उपयोग में आ रहे है|
समीकरण (i ) ,(ii ) तथा (iii ) से,
` (mv-mV)-mV=mV`
या ` " "V=(v)/(3)`