गर्भवती मादाओं के गर्भ के बाहर निकलने की क्रिया को शिशु जन्म या प्रसव कहा जाता है| प्रसव एक जटिल तंत्रिका-अंतः स्त्रावी (Neuroendocrine ) क्रिया-विधि द्वारा प्रेरित होता है| प्रसव के लिए संकेत पूर्ण विकसित गर्भ एवं अपरा से उत्पन्न होते है, जो गर्भाशय में हल्के संकुचन को प्रेरित करते है जिन्हें गर्भ उत्क्षेपन प्रतिवर्त (फीटल इंजेक्शन रिफ्लेक्स) कहते है|यह यह मातृ पियूष ग्रंथि से ऑक्सीटोसिन गर्भाशय में तीव्र संकुचन प्रारम्भ हो जाता है|गर्भाशय संकुचनों तथा ऑक्सीटोसिन स्त्राव के बीच लगातार उददीपन प्रतिवर्ष के कारण यह संकुचन अत्याधिक तीव्र होता जाता है|इसके परिणामस्वरूप शिशु माता के गर्भाशय से जनन नाल द्वारा बाहर आ जाता है, इस प्रकार प्रसव की क्रिया सम्पन्न होती है|
प्रसव क्रिया को प्रेरित करने वाले प्रमुख हार्मोन है-
(i ) कॉर्टिसॉल (ii )ऐस्ट्रोजन (iii ) ऑक्सीटोसिन|