श्वेत प्रकाश के संकीर्ण पुँज को बिना विचलन के लिए फ्लिंट काँच के प्रिज्म कोण को इतना अधिक ले की दोनों प्रिज्मों द्वारा उत्पन्न विचलन एकसमान एवं विपरीत होने के कारन विचलन निरस्त हो जाए। (फ्लिंट काँच के प्रिज्म का कोण क्राउन काँच के प्रिज्म कोण से छोटा होना चाहिए क्योकि फ्लिंट काँच का अपवर्तनांक क्राउन काँच से अधिक होता है)