यहाँ `P=-1 D`
`:. f=(100)/(-1)=-100` सेमी
व्यक्ति के लिए दूर बिंदु 100 सेमी है तथा निकट बिंदु 25 सेमी है। अवतल लेंस का उपयोग करने से उसकी आँख अंनत पर रखी वस्तु को 100 सेमी तक लाती है। निकट रखी वस्तु को (100 सेमी से 25 सेमी की दुरी पर) देखने के लिए वह आंखों को समंजित करने की क्षमता का उपयोग करते है लेकिन अधिक आयु होने पर यह क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति का निकट बिंदु 50 सेमी हो जाता है। अतः 25 सेमी दुरी पर रखी वस्तु को देखने के लिए ltbgt`u=-25` सेमी `v=-50` सेमी
`:.(1)/(f)=(1)/(v)-(1)/(u)=(1)/(-50)+(1)/(25)=(1)/(50)`
या `f=50` सेमी
अतः क्षमता `P=(100)/(f)=(100)/(50)=+2D`
अतः `+2D` क्षमता का अभिसारी अथार्त उत्तर लेंस आवश्यक होगा।