Correct Answer - Option 2 : अन्योक्ति अलंकार
उपरोक्त पंक्तियों में 'अन्योक्ति' अलंकर है। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'अन्योक्ति अलंकार है।
केरा तबहि न चेतिया, जब ढिंग लागी बेरि।
अब के चेते का भयो, काँटनि लीन्हो घेरि।।
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उपरोक्त पंक्ति में केले के वृक्ष से कहा गया है कि उसने पहले अपने निकट लगी बेरी की जड़ी की चिंता नहीं की, अब जब काँटों ने उसे घेर लिया है तब वह चिंतित है. वस्तुतः यहाँ व्यक्ति से कहा गया है कि उसने पहले तो अपने अन्दर उपजे अवगुणों की अनदेखी की और जब अवगुणों ने जकड लिया तो वह परेशान है, अत: अन्योक्ति अलंकर है।
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अप्रस्तुत के माध्यम से प्रस्तुत का वर्णन करने वाले काव्य अन्योक्ति अलंकार कहलाते है।
अन्य विकल्प -
अलंकार
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अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है।
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जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार
काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार
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