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‘करते सब ग्रन्थ निषेध हैं, हिंसा लालच क्रोध का |

भव-सागर से तरेगा जब, पथ पकडेगा बोध का ||’

इसमें प्रयुक्त छन्द का नाम बताइए:


1. उल्लाला छन्द
2. रोला छन्द
3. हरिगीतिका छन्द
4. गीतिका छन्द

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Correct Answer - Option 1 : उल्लाला छन्द

दिये गए विकल्पों में से 'उल्लाला छन्द' सही उत्तर है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 'उल्लाला छन्द' है।अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

उल्लाला छंद

  • यह अर्ध सममात्रिक छन्द है।
  • उल्लाला में 28 मात्राएँ होते हैं।
  • जिसमें पहले और तीसरे चरण में 15-15 दूसरे और चौधे चरण में 13-13 मात्राएं होती है। 

अन्य विकल्प

  • रोला - रोला मात्रिक सम छंद होता है। इसके प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं। प्रत्येक चरण यति पर दो पदों में विभाजित हो जाता हैl
  • हरिगीतिका - यह एक मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते है। इस छंद के प्रत्येक चरण में 16 और 12 के विराम से कुल 28 मात्राएँ होती हैंl
  • गीतिका - इस छन्द में 26 मात्राएँ होती है जिसमें 14 (चौदह) और 12 (बारह) मात्राओं पर यति अर्थात विराम होता है। यह भी सममात्रिक छन्द के अन्तर्गत आते हैं। अतः गीतिका छन्द = 14+12 = 26

छंद की परिभाषा - निश्चित चरण, वर्ण, मात्रा, गति, यति, तुक और गण आदि के द्वारा नियोजित पद्य रचना को छंद कहते हैं।

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