Correct Answer - Option 2 : उपमा
उपमा अलंकार शब्दालंकार का उदाहरण नहीं है, यह अर्थालंकार का एक प्रकार है।
अत: सही विकल्प 2) उपमा अलंकार होगा जोंकि शब्दालंकार नहीं है।
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शब्दालंकार - शब्द पर आश्रित अलंकार होते हैं, शब्दालंकार कहलाते हैं। जैसे- अनुप्रास, यमक आदि।
उदाहरण - "मधुर मधुर मुस्कान मेरे मोहन की" पंक्ति में म शब्द बार-बार आ रहा है, अत: यहाँ अनुप्रास शब्दालंकार होगा।
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अर्थालंकार - जो अर्थ प्रकट होने पर चमत्कार उत्पन्न करते हैं, अर्थालंकार कहलाते हैं। जैसे- उपमा अलंकार , रूपक अलंकार आदि
उदाहरण - "कृष्ण मुख चद्रमा सी छवि" पंक्ति में कृष्ण और चन्द्रमा की तुलना के अर्थ साफ़ स्पष्ट हो रहे हैं अत: यहाँ उपमा अर्थालंकार होगा।
स्पष्टीकरण:
शब्दों के माध्यम से काव्यों को अलंकृत करने वाले शब्दालंकार कहलाते हैं। इसके तीन भेद होते हैं-
श्लेष
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जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
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मधुवान की छाती को देखो,
सुखी कितनी इसकी कलियाँ।
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अनुप्रास
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जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।
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चारु चंद्र की चंचल किरणे,
खेल रही थी जल थल में
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यमक
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जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।
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कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये।
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