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निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
1. विद्यार्थियों को इस पुस्तक की अध्ययन उपयोगी होगी
2. विद्यार्थियों को इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा
3. विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा
4. विद्यार्थियों को इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगी

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Correct Answer - Option 3 : विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा

'विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा।' वाक्य शुद्ध है। अन्य में कारक सम्बन्धी अशुद्धि है। 

  • विद्यार्थियों को इस पुस्तक की अध्ययन उपयोगी होगी। - इस वाक्य में लिंग सम्बन्धी अशुद्धि है। 
  • विद्यार्थियों को इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा। - इस वाक्य में कारक सम्बन्धी अशुद्धि है। 
  • विद्यार्थियों को इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगी। - इस वाक्य में लिंग सम्बन्धी अशुद्धि है। 

कारक

* संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) क्रिया से सम्बन्ध सूचित हो, उस रूप को 'कारक' कहते हैं।
* संज्ञा अथवा सर्वनाम को क्रिया से जोड़ने वाले चिह्न अथवा परसर्ग ही कारक कहलाते हैं।

कारक

परिभाषा

उदाहरण

कर्म कारक

जिस संज्ञा या सर्वनाम पर क्रिया का प्रभाव पड़े उसे कर्म कारक कहते है।

जैसे- मैंने हरि को बुलाया।
माँ ने बच्चे को सुलाया।
पिता ने पुत्र को पुकारा।

सम्बन्ध कारक

शब्द के जिस रूप से संज्ञा या सर्वनाम के संबध का ज्ञान हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते है।

जैसे- सीता का भाई आया है।

वह किसका भाई है ? गीता का।

अधिकरण कारक

शब्द के जिस रूप से क्रिया के आधार का ज्ञान होता है, उसे अधिकरण कारक कहते है।

जैसे- मोहन मैदान में खेल रहा है।

मनमोहन छत पर खेल रहा है।

सम्बोधन कारक

जिन शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने या पुकारने में किया जाता है, उसे संबोधन कारक कहते है।

जैसे- हे श्याम !इधर आओ ।

अरे! तुम क्या कर रहे हो ?

करण कारक

वाक्य में जिस शब्द से क्रिया के सम्बन्ध का बोध हो, उसे करण कारक कहते है।

जैसे- वह कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है।
मुझे अपनी कमाई से खाना मिलता है।
साधुओं की संगति से बुद्धि सुधरती है।

अपादान कारक

संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट होता है, उसे
अपादान कारक कहते है।

जैसे- हिमालय से गंगा निकलती है।

मोहन ने घड़े से पानी ढाला।
बिल्ली छत से कूद पड़ी
चूहा बिल से बाहर निकला।

सम्बोधन कारक

जिन शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने या पुकारने में किया जाता है, उसे संबोधन कारक कहते है।

जैसे- हे श्याम !इधर आओ ।

अरे! तुम क्या कर रहे हो ?

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