Correct Answer - Option 1 : अव्ययीभाव
‘यावज्जीवन’ पद में अव्ययीभाव समास है। अतः सही उत्तर अव्ययीभाव होगा ।
स्पष्टीकरण:-
समास
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समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं। यह नया शब्द ही समास कहलाता है।
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जैसे – कमल के सामान चरण = चरणकमल, रसोई के लिए घर = रसोईघर।
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तत्पुरुष समास
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जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। जैसे – धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।
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अव्ययीभाव समास
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जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो। जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।
विशेष :
जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि शब्दों से भी कोई प्रभाव न हो जो अपरिवर्तित रहें वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।
अव्ययीभाव समास की पहचान के लक्षण:- अव्ययीभाव समास को पहचानने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनायी जा सकती हैं।
(i) यदि समस्तपद के आरंभ में भर, निर्, प्रति, यथा, बे, आ, ब, उप, यावत्, अधि, अनु आदि उपसर्ग/अव्यय हों। जैसे- यथाशक्ति, प्रत्येक, उपकूल, निर्विवाद अनुरूप, आजीवन आदि।
(ii) यदि समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण का काम करे। जैसे- उसने भरपेट (क्रियाविशेषण) खाया (क्रिया)।
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कर्मधारय समास
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जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। जैसे – कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।
पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।
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बहुव्रीहि समास
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जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जैसे – जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।
विशेष
द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर :
द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)।
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अतः विकल्प 1 सही चयन हैं।