Correct Answer - Option 2 : कर्मधारय
‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह ‘पीला है जो अम्बर’ होगा। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प कर्मधारय समास है।
विशेष -
‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह ‘पीला है जो अम्बर’ में 'है जो' शब्द आये हैं अर्थात विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आये तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।
समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -
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समास का नाम
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परिभाषा
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उदाहरण
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तत्पुरुष समास
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जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।
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- धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ
- तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत
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कर्मधारय समास
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जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,
पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।
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- कमल के समान नयन = कमलनयन
- महान है जो देव = महादेव
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द्वंद्व समास
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जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो ।
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- अन्न और जल = अन्न-जल
- अपना और पराया = अपना-पराया।
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बहुव्रीहि समास
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जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
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- जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान
- तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव
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द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)।
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