शीर्षक का नाम : “कण – कण का अधिकारी है।
कवि का नाम : “डॉ. रामधारी सिंह दिनकर” है।
- मेहनत की सफलता की कुंजी है। मेहनत करनेवाला व्यक्ति कभी नहीं हारता। वह हमेशा सफल होता है क्योंकि काल्पनिक जगत् को साकार रूप देने वाला वही है। इसके कण – कण के पीछे उसी का श्रम है। इसलिए वही कण – कण का अधिकारी है।
- कुछ लोग पाप करके धन कमाते हैं।
- उस धन को कुछ लोग “भाग्यवाद” की आड़ में भोगते हैं। नर समाज का भाग्य श्रम और भुजबल ही है।
- श्रमिक के सम्मुख भूमि और आकाश झुकते हैं।
- प्रकृति में छिपी संपदा ही मनुष्य का धन है।
- इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मेहनत करनेवाला ही कण – कण का अधिकारी है।