प्रस्तावना :
मुख्यमंत्री का पद एक साधारण पद नहीं है। यह राष्ट्र का शासन चलाने का प्रधान और मुख्य पद है।
उद्देश्य :
यदि मैं मुख्यमंत्री होता तो उस पद के द्वारा राष्ट्र और समाज का काया पलट देना चाहूँगा। मेरे सामने कई सपने हैं। उनके लिए एक प्रणाली तैयारी करके, उसके अनुसार काम करते हुए, समाज में उन्नति लाऊँगा।
विषय :
सबके दिलों में “हम सब एक हैं” – इस भावना को जगाने की कोशिश करूँगा। राष्ट्र को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से आगे ले जाने की कोशिश करूँगा। किसानों को साक्षर बनाऊँगा। उन्हें सस्ते दामों में बीज, उपकरण आदि पहुँचाऊँगा। सहकारी समितियाँ बनाकर, उनसे कम सूद में ऋण प्राप्त करने की व्यवस्था करूँगा। अनेक मिल, कारखानों का निर्माण करके, जो बेरोज़गारी हैं, उसे दूर करने का प्रयत्न करूँगा।
स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्यालयों की संख्या बढ़ाकर, राष्ट्र के सब लडके – लडकियों को साक्षर बनाऊँगा।
गाँवों को जोड़ने के लिए पक्की सडकें बनाऊँगा। गाँव की उन्नति के लिए आवश्यक योजनाएँ बनाकर, उनको अमल करूँगा। गाँवों की उन्नति में ही राष्ट्र की और देश की उन्नति निर्भर है।
नदियों पर बाँध बनाकर, उनका पानी पूरी तरह उपयोग में लाऊँगा। समाज में जो भेद भाव हैं, उनको दूर करूँगा। आसपास के देशों से मित्रता भाव बढाऊँगा। विश्व के प्रमुख राष्ट्र की कतार में भारत को भी बिठाने की कोशिश करूँगा। मैं अपने तन, मन, धन से देश को प्रगति के पथ पर ले जाने की कोशिश करूँगा, लोगों ने मुझ पर जो ज़िम्मेदारी रखी है, उसको सुचारू रूप से निभाऊँगा।
उपसंहार :
मुख्यमंत्री बनना सामान्य विषय नहीं है, अगर मैं मुख्यमंत्री बना तो ये सभी कार्य करूँगा।