खेलों से मनोरंजन होता है। बच्चों के मनोरंजन और पसंदी साधनाओं में खेलों का ही अधिक महत्व है। खेलों से शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास होता है। विद्यार्थी सुबह दस बजे से लेकर शाम को पाँच बजे तक पाठशालाओं में पढ़ाई के कारण मानसिक थकान का अनुभव करते हैं तो खेल उन्हें मनोरंजन देकर पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करते हैं।