पढ़ाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता इन निम्न लिखित कारणों से होती है।
- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए खेलों की जरूरत है। तभी हमें पढ़ने के विषयों के प्रति संबंध स्थापित होता है।
- खेलों से मानसिक तथा शारीरिक थकावट दूर हो कर पढ़ाई के प्रति रुचि उत्पन्न होता है।
- खेलों से आत्म निर्भरता बढ़ती है इसलिए हम जो भी पढ़े वह आत्मसात हो जाता है।
- खेलों से छात्रों में मनोविनोद होता है। इसलिए फिर वे पढने में जी लगा सकते हैं।
- खेलों के द्वारा छात्रों में अनुशासन तथा सहयोग की भावना बढ़ती है ये दोनों छात्रों की पढ़ाई में सहयोग देते हैं।
- खेलों के द्वारा जीवन में परिश्रमी बनने का भाव उत्पन्न होता है जिससे छात्र खूब परिश्रम करके पढ़ाई में जीत पायेंगे।
- खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है।
- छात्र खेलते – कूदते, खेलों के माध्यम से अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।
- खेलों से मानसिक तथा शारीरिक विकास होता है जो पढ़ाई में सहायक होता है।