क्रिकेट बडा ही मनोरंजक खेल है। बच्चे, युवक, वृद्ध, अफ़सर, व्यापारी, अध्यापक तथा आफ़ीसों के बाबू आदि सभी के मन में क्रिकेट मैच देखने की उमंग उठती है।
क्रिकेट खेल में दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में ग्यारह खिलाडी खेलते हैं। खेल खेलने के लिए बहुत बड़े मैदान की आवश्यकता होती है। इसके बीच में पिच होती है। इस पिच पर मैटिग (चढ़ाई) बिछा दिया जाता है।
खेल शुरू होने से पहले दोनों दल के एक-एक खिलाडी बारी – बारी से आकर विकटों के सामने खडा होता है और गेंद से हिट लगाकर (पीटकर) रन बनाता है। एक खिलाडी विकटों के पीछे खडा होता है। जिसे विकट कीपर कहते हैं। एक दूसरे खिलाडी गेंद फेंकने वाले के पीछे खडा होता है, इसे रनर कहते हैं। दूसरे दल का एक खिलाडी जिसे बउलर या गेंदबाज़ कहते हैं। विकटों को लक्ष्य बनाकर गेंद इस प्रकार फेंकने का प्रयास करता है कि वह विकटों पर जाकर लगे।
यदि एक दल के सभी खिलाडी खेल लेते हैं तो दूसरे दल के खिलाडी जो कि पहले फील्डिंग करते थे, खेलना आरंभ कर देते हैं। जिस दल के रन अधिक होते हैं, वह दल विजयी माना जाता है ।