राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् ने Population in Classroom नामक एक पुस्तिका प्रकाशित की थी। इसमें जनसंख्या शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्यों का उल्लेख किया गया है-
⦁ छात्रों को आधुनिक विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना के रूप में जनसंख्या वृद्धि की गति तथा कारणों के सम्बन्ध में ज्ञान प्रदान करना।
⦁ छात्रों को व्यक्ति, परिवार, समाज तथा विश्व के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक जीवन पर जनसंख्या वृद्धि के पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराना।
⦁ छात्रों को परिवार के आकार तथा रहन-सहन के स्तर के सम्बन्ध में बताना तथा कम आय वाले परिवारों की कठिनाई बताकर उन्हें छोटा परिवार रखने हेतु प्रेरित करना।
⦁ छात्रों को जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न होने वाली अग्रलिखित समस्याओं की जानकारी प्रदान करके उनमें जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण रखने के दृष्टिकोण का विकास करना-
(क) रोगों तथा दुर्भिक्षों का फैलना
(ख) अपराधों एवं सामाजिक संघर्षों का बढ़ना
(ग) जन्म-दर एवं मृत्यु-दर में असन्तुलन
(घ) देश की आवश्यकता और सुरक्षा में बाधा उत्पन्न होना तथा
(ङ) भोजन, वस्त्र, मकान, रोजगार तथा शिक्षण संस्थाओं आदि का अभाव होना।