व्यक्ति के व्यवहार में होने वाले ऐच्छिक परिवर्तन को सीखना कह सकते हैं। सीखने की प्रक्रिया को सम्बन्ध नयी क्रियाओं से होता है तथा इस क्रिया द्वारा सीखी गयी बातों का अन्य बातों पर भी प्रभाव पड़ता है। सीखने की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप व्यक्ति के व्यवहार में एक प्रकार की परिपक्वता भी आती है। इन्हीं तथ्यों को गिलफोर्ड ने इन शब्दों में स्पष्ट किया है, “हम इस शब्द की परिभाषा विस्तृत रूप में यह कहकर कर सकते हैं कि सीखना व्यवहार के परिणामस्वरूप, व्यवहार में कोई भी परिवर्तन है।”