बुद्धि का स्वरूप एवं परिभाषा बुद्धि के स्वरूप के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों की भिन्न-भिन्न धारणाएँ हैं। प्रत्येक विद्वान ने अपनी धारणा के अनुसार ही बुद्धि को परिभाषित किया है। यहाँ पर हम कुछ विद्वानों द्वारा प्रतिपादित परिभाषाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं
⦁ वुडवर्थ Woodworth) के अनुसार, “बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।”
⦁ टरमन (Turman) के अनुसार, “बुद्धि, अमूर्त विचारों के विषय में सोचने की योग्यता है।”
⦁ बकिंघम (Buckingham) के अनुसार, “बुद्धि सीखने की योग्यता है।’
⦁ रायबर्न (Ryhurm) के अनुसार, “बुद्धि वह शक्ति है, जो हमको समस्याओं का समाधान करने और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की योग्यता प्रदान करती है।”
⦁ क्रूज (Cruz) के अनुसार, “बुद्धि नवीन और विभिन्न परिस्थितियों में भली प्रकार से समायोजन की योग्यता है।”
⦁ रेक्स नाइट (Rex Knight) के अनुसार, “बुद्धि वह मानसिक योग्यता है, जिसके द्वारा हम किसी उद्देश्य की पूर्ति या किसी समस्या का समाधान करने के लिए सम्बन्धित वस्तुओं एवं विचारों को सीखते हैं।”
बुद्धि की विशेषताएँ
बुद्धि की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
⦁ बुद्धि व्यक्ति में जन्मजात होती है।
⦁ बुद्धि द्वारा व्यक्ति अतीत के अनुभवों से लाभ उठाता है।
⦁ बुद्धि द्वारा व्यक्ति परिस्थिति को समझता है।
⦁ बुद्धि व्यक्ति के नवीन परिस्थितियों से समायोजन करने में सहायक होती है।
⦁ बुद्धि व्यक्ति को अमूर्त चिन्तन करने की योग्यता प्रदान करती है।
⦁ बुद्धि व्यक्ति को विभिन्न क्रियाएँ सीखने में सहायता देती है।
⦁ बुद्धि व्यक्ति के आलोचनात्मक दृष्टिकोण का विकास करती है।
⦁ बुद्धि जटिल समस्याओं को हल करने तथा उन्हें सरल बनाने में सहायक होती है।
⦁ बुद्धि ही सत्य और असत्य, नैतिक और अनैतिक कार्यों में अन्तर करने की योग्यता देती है।
⦁ बुद्धि का विकास जन्म से किशोरावस्था के मध्यकाल तक होता है।
⦁ बालक तथा बालिकाओं की बुद्धि में कोई विशेष अन्तर नहीं होता है।