अपराध का अर्थ एवं परिभाषा
समाज की व्यवस्था बनाये रखने के लिए नियमों, कानूनों, प्रथाओं और परम्पराओं के अनुपालन पर बल दिया गया है। कुछ समाज-विरोधी ऐसे भी व्यक्ति होते हैं, जो नियमों और कानूनों का उल्लंघन करते हैं। उनके द्वारा किए गये राज्य–विरोधी या कानून-विरोधी कार्य ही अपराध कहलाते हैं।
अपराध एक ऐसा कार्य है, जो लोक-कल्याण के लिए अहितकर समझा जाता है तथा जिसे राज्य के द्वारा पारित कानून द्वारा निषिद्ध कर दिया जाता है। इसके उल्लंघनकर्ता को दण्ड दिया जाता है। अपराध को लैण्डिस तथा लैण्डिस ने निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है
लैण्डिस तथा लैण्डिस के अनुसार, “अपराध वह कार्य है जिसे राज्य ने समूह-कल्याण के लिए हानिकारक घोषित किया है और जिसके लिए राज्य पर दण्ड देने की शक्ति है।”