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अपने राज्य की नगर महापालिकाओं की आय के स्रोतों की व्याख्या कीजिए।

या

नगर महापालिकाओं की आय की प्रमुख मदें (मुख्य स्रोत) लिखिए।

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नगर महापालिकाओं की आय के प्रमुख स्रोत (प्रमुख मदें)
नगर महापालिकाओं की आय के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं

1. सम्पत्ति-कर – यह नगर महापालिकाओं की आय का एक प्रमुख स्रोत है। यह कर नगर महापालिकाओं की सीमा में स्थित भूमि, मकान तथा सम्पत्तियों के स्वामियो पर लगाया जाता है। यह दो प्रकार का होता हैं
⦁    गृह कर – भवन कर नगर महापालिका की आय का एक प्रमुख स्रोत है। यह कर नगर महापालिकाओं की सीमा में स्थित भूमि, मकान तथा सम्पत्तियों से वसूल किया जाता है।
⦁     विकास कर – नगर महापालिकाओं द्वारा जब किसी क्षेत्र में विकास; जैसे–सड़कों का निर्माण, पुलों का निर्माण आदि किया जाता है तो नगर महापालिका कर वसूल करती है। इसे विकास कर कहते हैं।
2. जल-कर – नगर महापालिकाएँ अपने नागरिकों के लिए स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था करती हैं। इसके बदले में वे जल-कर प्राप्त करती हैं।
3. चुंगी कर – चुंगी कर के द्वारा नगर महापालिकाओं को पर्याप्त आय होती है। चुंगी उन वस्तुओं पर लगायी जाती है जिनका नगर महापालिकाओं के क्षेत्र में आयात होता है अर्थात् जो वस्तुएँ नगर की सीमा से बाहर के क्षेत्रों से नगर की सीमा में आती हैं। उत्तर प्रदेश में अब यह कर बन्द कर दिया गया है।
4. सीमा कर – यह कर उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो रेल द्वारा नगर महापालिका के क्षेत्र में आती हैं।।
5. मार्ग कर – यह कर नगर महापालिकाओं की सीमा में पड़ने वाले पुलों, सड़कों, नदियों पर से गुजरने वाले व्यक्तियों, पशुओं तथा वाहनों पर उनके भार अथवा संख्या के आधार पर लगाया जाता है।
6. यात्री कर – यह कर तीर्थस्थानों की नगर महापालिकाओं या नगर पालिकाओं द्वारा लगाया जाता है। नगर महापालिकाएँ बाहर से आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त व्यय स्वास्थ्य, सफाई व जलापूर्ति पर करती हैं। इस कारण वे यह कर वसूल करती हैं। अब इस कर को केन्द्रीय सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है।
7. तहबाजारी – यह कर अस्थायी दुकानदारों से वसूल किया जाता है। जो दुकानदार सड़क की पटरियों पर रखकर सामान बेचते हैं; जैसे-खोमचे वाले, फेरी वाले, हॉकर्स आदि; इनसे यह कर प्रतिदिन वसूल किया जाता है।
8. वाहन कर या लाइसेंस से आय – नगर महापालिकाएँ मोटरों, ऊँटगाड़ियों, बैलगाड़ियो. घोड़े-ताँगों, ठेलों, रिक्शा आदि पर कर लगाती हैं तथा उन्हें लाइसेंस प्रदान करती हैं।
9. राज्य सरकार से अनुदान – राज्य सरकार नगर महापालिकाओं को उनके व्यय की पूर्ति हेतु अनुदान देती है।

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