अनुसूचित जातियों की चार समस्याएँ निम्नवत् हैं
⦁ अस्पृश्यता की समस्या – अनुसूचित जातियों के सम्मुख सबसे बड़ी समस्या अस्पृश्यता कीरही है। उच्च जाति के कुछ व्यक्ति कुछ व्यवसायों; जैसे-चमड़े का काम, सफाई का काम, कपड़े धोने का काम आदि करने वालों को आज भी अपवित्र मानते हैं।
⦁ अशिक्षा की समस्या – अनुसूचित जाति के अधिकांश लोग अशिक्षित तथा अज्ञानी हैं। इस कारणे अनेक बुराइयों ने इन लोगों में घर कर लिया है। निर्धनता के कारण इनके बालक भी शिक्षा शुरू कर पाने में असमर्थ होते हैं।
⦁ रहन-सहन का नीचा स्तर – इनका जीवन स्तर निम्न होता है तथा वे आधा पेट खाकर तथा अर्द्धनग्न रहकर जीवन व्यतीत करते हैं। निर्धनता तथा बेरोजगारी इनके रहन-सहन के निम्न स्तर के लिए उत्तरदायी हैं।
⦁ आवास की समस्या – इनके आवास की दशा भी शोचनीय होती है। ये ऐसे स्थानों में रहते हैं जहाँ सफाई का नामोनिशान भी नहीं होता। बरसात में इनकी दशा दयनीय हो जाती है। ये लोग बहुधा झोंपड़ी या कच्चे मकानों में रहते हैं।