विश्व के प्रमुख प्रादेशिक व्यापार समूह
विश्व के प्रमुख प्रादेशिक व्यापार समूह निम्नलिखित हैं
1. दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (ASEAN-आसियान) – इसका गठन अगस्त 1967 में इण्डोनेशिया, मलयेशिया, थाईलैण्ड, फिलिपीन्स, ब्रुनेई, वियतनाम तथा सिंगापुर ने मिलकर किया था। इसका मुख्यालय जकार्ता (इण्डोनेशिया) में है। भारत भी इसका सह-सदस्य बन गया है। कृषि उत्पाद, खनिज, ऊर्जा तथा सॉफ्टवेयर प्रमुख व्यापारिक वस्तुएँ हैं।
2. सी०आई०एस० (C.I.S.) – इसका गठन तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद किया गया। इसका मुख्यालय मिस्क (बेलारूस) है। इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था, प्रतिरक्षण तथा विदेश नीति के मामलों पर समन्वय व सहयोग स्थापित करना है। आइमीनिया, अजरबैजान, बेलारूस, जार्जिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मौल्डोवा, रूस, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उक्रेन तथा उजबेकिस्तान इस संगठन के सदस्य हैं। अशोधित तेल, प्राकृतिक गैस, सोना, कपास, रेशे, ऐलुमिनियम आदि मुख्य व्यापारिक वस्तुएँ हैं।
3. यूरोपीय संघ (E.U.) – इसे ‘यूरोपीय आर्थिक समुदाय’ (EEC) या ‘यूरोपीय साझा बाजार’ (ECM) भी कहते हैं। इसका गठन मार्च 1957 में रोम सन्धि के फलस्वरूप किया गया। इसके 6 सदस्य देश थे- फ्रांस, बेल्जियम, लक्जेमबर्ग, नीदरलैण्ड्स, जर्मन संघीय गणराज्य तथा इटली। इसका मुख्यालय बुसेल्स (बेल्जियम) में है। फरवरी 1992 में इसका नाम ‘यूरोपीय संघ’ कर दिया गया। ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, फिनलैण्ड, आयरलैण्ड, इटली, नीदरलैण्ड, लक्जमबर्ग, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और यू०के० इस संगठन के सदस्य हैं। कृषि उत्पाद, खनिज, रसायन, लकड़ी, कागज, परिवहन की गाड़ियाँ, घड़ियाँ, कलाकृतियाँ, पुरा वस्तु आदि मुख्य व्यापारिक वस्तुएँ हैं।
4. लैटिन अमेरिकन इंटीग्रेशन एसोसिएशन (LAIA) – इसका गठन सन् 1960 में किया गया था। इसका मुख्यालय मॉण्टोविडियो (उरुग्वे) में है। इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिण अमेरिका के बीच आपसी व्यापार को बढ़ावा देना है। अर्जेण्टीना, बोलिविया, ब्राजील, कोलम्बिया, इक्वाडोर, मैक्सिको, पराग्वे, पेरु, उरुग्वे तथा वेनेजुएला इसके सदस्य हैं।
5. नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (NAFTA) — इसका गठन सन् 1988 में विश्व के दो बड़े व्यापारिक सहयोगियों-संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के बीच व्यापार प्रतिबन्धों को समाप्त करने के लिए किया गया। सन् 1994 में इसका विस्तार किया गया और मैक्सिको को भी इसका सदस्य बनाया गया। कृषि उत्पाद, मोटरगाड़ियाँ, स्वचालित पुर्जे, कम्प्यूटर, वस्त्र आदि प्रमुख व्यापारिक वस्तुएँ हैं।
6. ओपेक (OPEC) – इसका गठन पेट्रोलियम का निर्यात करने वाले देशों के हितों की रक्षा के लिए सन् 1949 में किया गया। इसका मुख्यालय वियना (ऑस्ट्रिया) में है। इसके सदस्य देश अल्जीरिया, इण्डोनेशिया, इराक, ईरान, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला हैं। संगठन अशोधित खनिज तेल के व्यापार से सम्बन्धित है। संगठन पेट्रोलियम के मूल्यों सम्बन्धी नीतियों को निर्धारित करता है।
7. साफ्टा (SAFTA) – इसका गठन जनवरी 2006 में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य अन्तर-प्रादेशिक व्यापार के करों को कम करना है। बंगलादेश, मालदीव, भूटान, नेपाल, भारत, पाकिस्तान तथा श्रीलंका इसके सदस्य देश हैं।