वास्तव में भुगतान शेष खाता दोहरी लेखांकन प्रणाली पर आधारित है। अत: यह सदा संतुलन में होता है। अतः जब हम कहते हैं कि भुगतान शेष चार्ट में है, तो इसका अर्थ यह होता है कि स्वायत्त मदों से प्राप्तियाँ स्वायत्त भुगतान से कम है। अतः इस घाटे की पूर्ति समायोजक सौदों द्वारा की जाती है। यदि समायोजिक सौदों पर पूँजी खाते के घटक के रूप में विचार किया जाए तो चालू खाते में कोई भी घाटा पूँजी खाते के समान आकार के आधिक्य द्वारा पूरा कर लिया जाता है तथा चालू खाते में कोई भी आधिक्य पूँजी खाते के सम आकार के घाटे द्वारा अवश्य पूरा कर लिया जाता है।