खनिज तेल का भौगोलिक वितरण असमान होने के कारण विश्व के अनेक देशों; जैसे-पश्चिमी यूरोपीय देश, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि में पेट्रोलियम की बहुत कमी है। अतएव पेट्रोलियम को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार बहुत महत्त्वपूर्ण है, किन्तु इस व्यापार का स्वरूप निश्चित नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका, जो पेट्रोल का एक बड़ा निर्यातक देश है, समीपस्थ देश जैसे वेनेजुएला और कोलम्बिया से तथा दूरस्थ देशों जैसे मध्य-पूर्व, नीदरलैण्ड और इण्डोनेशिया से कच्चा तेल और परिष्कृत तेल आयात भी करता है।
यूरोपीय देश अधिकांश तेल मध्य-पूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका से आयात करते हैं। ब्रिटेन और नीदरलैण्ड जैसे देशों के पास अपनी माँग के अनुरूप पर्याप्त तेल नहीं है; अतः वे कच्चा तेल आयात कर परिष्कृत पदार्थों का निर्यात करते हैं। एशिया में भारत, जापान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, कोरिया, वियतनाम, श्रीलंका आदि देश भी तेल का आयात करते हैं। इसी प्रकार दक्षिणी तथा मध्य अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड भी तेल के आयातक देश हैं।
प्रमुख तेल निर्यातक देश हैं-
⦁ मध्य-पूर्व के देश; जैसे-सऊदी अरब, कुवैत, ईरान, इराक, कतर, बहरीन, ओमान आदि,
⦁ कैरेबियन देश; जैसे-वेनेजुएला, कोलम्बिया आदि,
⦁ अफ्रीकी देश; जैसे-लीबिया, अल्जीरिया, नाइजीरिया तथा
⦁ इण्डोनेशिया।