दिए गए पद्यांशों को फ्ढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
निरख सखी, ये खंजन आये,
फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाये !
फैला उनके तन का आतप, मन से सर सरसाये,
घूमें वे इस ओर वहाँ, ये हंस यहाँ उड़ छाये !
करके ध्यान आज इसे जन का निश्चय वे मुसकाये,
फूल उठे हैं कमल, अधर-से यह बन्धूक सुहाये !
स्वागत, स्वागत, शरद, भाग्य से मैंने दर्शन पाये,
नभ से मोती वारे, लो, ये अश्रु अर्घ्य भर लाये ।।
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) उर्मिला द्वारा किस ऋतु का स्वागत किया गया है?
(iv) हंसों को देखकर उर्मिला क्या अनुमान लगाती है?
(v) बन्धूक पुष्पों में उर्मिला ने किसका आभास पाया है।