‘तीसरा सप्तक’ के अन्तर्गत प्रयागनारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह, कुंवर नारायण, विजयदेव नारायण साही तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ संकलित हैं। इस सप्तक की कविताओं में सौन्दर्यवादी प्रवृत्ति के साथ-साथ युगीन सत्य की भी निश्छल अभिव्यक्ति मिलती है। इसका प्रकाशन सन् 1959 ई० में हुआ।