व्यक्ति के चार महत्त्वपूर्ण सामाजिक अधिकार निम्नलिखित हैं
⦁ जीवन-सुरक्षा का अधिकार- प्रत्येक मनुष्य को जीवन का अधिकार है। यह अधिकार | मौलिक तथा आधारभूत है, क्योंकि इसके अभाव में अन्य अधिकारों का अस्तित्व महत्त्वहीन है।
⦁ समानता का अधिकार- समानता का तात्पर्य है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में व्यक्ति के रूप में व्यक्ति का समान रूप से सम्मान किया जाए तथा उसे उन्नति के समान अवसर प्रदान किए जाएँ।
⦁ स्वतन्त्रता का अधिकार- स्वतन्त्रता का अधिकार व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में अपरिहार्य है। स्वतन्त्रता के अधिकार के आधार पर व्यक्ति अपनी इच्छा से बिना किसी बाह्य बन्धन के अपने जीवन के विकास का ढंग निर्धारित कर सकता है।
⦁ सम्पत्ति का अधिकार- समाज में व्यक्ति वैध तरीकों से सम्पत्ति का अर्जन करता है। अत: उसे यह अधिकार होना चाहिए कि वह स्वतन्त्र रूप से अर्जित किए हुए धने का उपयोग स्वेच्छा से अपने व्यक्तित्व विकास के लिए कर सके।