निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों द्वारा कीजिए –
⦁ मानसिक शक्तियों के लिए किसी विषय-वस्तु पर केन्द्रित करने की प्रक्रिया को ……………………. कहते हैं।
⦁ मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवधान एक ……………………. है।
⦁ अवधान अपने आप में एक ……………………. होती है।
⦁ जब कोई व्यक्ति किसी विषय-वस्तु के प्रति अपना ध्यान स्वयं केन्द्रित करता है तो उसे ……………………. कहते हैं।
⦁ जब किसी उत्तेजना के प्रति व्यक्ति का ध्यान बरबस केन्द्रित हो जाता है तो उसे ……………………. कहते हैं।
⦁ मानसिक तत्परता अवधान के केन्द्रण में ……………………. होती है।
⦁ रुचि के अभाव में विषय-वस्तु के प्रति ध्यान का केन्द्रण ……………………. होता है।
⦁ समन्वयवादी विचारधारा के अनुसार रुचि और अवधान में ……………………. का सम्बन्ध है।
⦁ किसी व्यक्ति द्वारा किसी एक समय में अधिक-से-अधिक जितने बाहरी उद्दीपकों को ध्यान का विषय बनाया जाता है, उसे ही ……………………. माना जाता है।
⦁ रुचिकर विषयों के सन्दर्भ में व्यक्ति का अवधान-विस्तार ……………………. होता है।
⦁ अवधान की स्थिति में किसी प्रकार की बाधा को उत्पन्न हो जाना ही ……………………. कहलाता है।
⦁ रेलगाड़ी में यात्रा करते समय शोर के कारण होने वाले अनवधान को ……………………. कहते हैं।
⦁ रुक-रुक कर बजने वाले सायरन के कारण होने वाले अनवधान को ……………………. कहते हैं।
⦁ अधिक सक्रियता से कार्य करने पर अनवधान को प्रतिकूल प्रभाव ……………………. जाता है।
⦁ रुचि छिपा हुआ ……………………. है।
⦁ अवधान तथा रुचि परस्पर ……………………. होते हैं।