विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला एक मुख्य तत्त्व या कारक पोषण है। पोषण का आशय है–सन्तुलित एवं पौष्टिक आहार ग्रहण करना। वास्तव में बालक के सामान्य एवं सुचारु विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में सन्तुलित आहार आवश्यक होता है। उचित पोषण से व्यक्ति का शारीरिक तथा मानसिक विकास भी सामान्य रूप से होता है। उचित पोषण के अभाव में बालक का विकास अवरुद्ध हो जाता है।