Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
1.1k views
in Geography by (52.9k points)
closed by

आप किस प्रकार मृदा-निर्माण प्रक्रियाओं तथा मृदा कारकों के बीच अन्तर ज्ञात करते हैं? जलवायु एवं जैविक क्रियाओं की मृदा-निर्माण में दो महत्त्वपूर्ण कारकों के रूप में क्या भूमिका है?

1 Answer

+1 vote
by (55.1k points)
selected by
 
Best answer

किसी प्रदेश में मिट्टियों का निर्माण मृदा-निर्माण कारकों और मृदा-निर्माण प्रक्रिया का परिणाम होता है। मृदा-निर्माण कारकों के अन्तर्गत जलवायु, स्थलाकृति, उच्चावच (मूल पदार्थ) जैविक प्रक्रियाओं और काल अवधि को सम्मिलित किया जाता है, जबकि मृदा-निर्माण प्रक्रिया में मृदा-संवृद्धि, मृदा क्षति, पदार्थों का विस्थापन एवं पदार्थों का रूपान्तरण सम्मिलित है।

अत: मृदाजनित कारक जब निश्चित अवधि तक मृदा संवृद्धि मृदा क्षति तथा पदार्थों के विस्थापन और रूपान्तरण की प्रक्रियाओं में क्रियाशील होते हैं तभी मृदा का निर्माण होता है। अतः मृदा कारक एवं प्रक्रिया दोनों ही मृदा के निर्माण के अलग-अलग पक्ष होते हुए भी समन्वित रूप से कार्य करते हैं तभी किसी प्रदेश की मृदा का निर्माण कार्य सम्पन्न होता है।

जलवायु एवं जैविक कारकों की बूंदा-निर्माण में भूमिका

जलवायु मृदा-निर्माण का सक्रिय कारक है। इसके अन्तर्गत वर्षण, वाष्पीकरण, आर्द्रता और तापक्रम तथा मौसम की दैनिक भिन्नता की प्रमुख भूमिका होती है। वर्षा से मृदा को आर्द्रता मिलती है जिससे रासायनिक और जैविक क्रिया होती है। इन क्रियाओं को तापक्रम के माध्यम से गति प्राप्त होती है। वर्षा के कारण मृदा में अपक्षालन (Leaching) तथा केशिका क्रिया (Capillary Action) होती है जो तापमान की दरों से प्रभावित होती है। अतः जलवायु मृदा-निर्माण का सक्रिय कारक है तथा मृदा प्रक्रिया को संचालित करने में विशेष योगदान देती है।

जैविक प्रक्रियाएँ या कारक मृदा में नमी धारण करने की क्षमता तथा नाइट्रोजन उत्पत्ति में सहायक होती हैं। मृत पौधे या जैविक अवशेषों से मृदा को ह्युमस प्राप्त होता है। मृदा में ह्यूमस की उपलब्धता एवं अल्पता भी तापमान द्वारा नियन्त्रित होती है। इसी कारण उष्ण प्रदेशों में ह्यूमस की उपलब्धता शीत प्रदेशों की अपेक्षा कम होती है।

अतएव मृदा-निर्माण में जलवायु एवं जैविक प्रक्रिया दो महत्त्वपूर्ण कारक हैं। इन दोनों कारकों के अभाव में अन्य मृदाजनित कारक निष्क्रिय ही रहते हैं। वास्तव में यही वे कारक हैं जो मृदा-निर्माण प्रक्रिया को संचालित करते हैं। इसलिए किसी प्रदेश में मृदा-निर्माण जलवायु और जैविक क्रियाओं पर निर्भर होता हैं।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...