नदियाँ जल का स्थायी स्रोत मानी जाती हैं, इसलिए नदियों को जीवन रेखा कहा गया है। भारत की नदियाँ वास्तव में जीवन रेखा ही हैं। इस सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण तर्क निम्नलिखित हैं
1. नदियाँ देश का आधारभूत आर्थिक संसाधन एवं सामाजिक व सांस्कृतिक विकास को आधार हैं।
सभी प्रकार की आर्थिक क्रियाएँ और सामाजिक-सांस्कृतिक परम्पराएँ नदियों या जल से सम्बद्ध | होती हैं।
2. नदियाँ पेयजल, कृषि की सिंचाई के लिए जल, उद्योगों में उत्पादन के लिए जल और परिवहन के लिए जलमार्ग उपलब्ध कराती हैं।
3. नदियों के जल को बाँध के रूप में बदलकर जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है जो वर्तमान आर्थिक विकास का आधार है।