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मानचित्र की परिभाषा दीजिए तथा उसके महत्त्व का वर्णन कीजिए।

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मानचित्र का अर्थ मानचित्र भूगोल के अध्ययन की समस्याओं का समाधान खोजने के उपकरण तथा विभिन्न रहस्यों को पता लगाने वाली कुंजियाँ हैं। मानचित्र ऐसी सांकेतिक लिपि है, जिसमें भूगोल का अपरिमित ज्ञानरूपी खजाना छिपा है। वस्तुतः मानचित्र गागर में सागर की उक्ति को चरितार्थ करते हैं। ‘मानचित्र’ लैटिन भाषा के मैपा (Mappa) शब्द से उत्पन्न मैप (Map) शब्द का पर्यायवाची है, जिसका शाब्दिक अर्थ कपड़े का रूमाल या टुकड़ा होता है। मानचित्र द्वारा विश्व के किसी भाग अथवा विशाल क्षेत्र का प्रदर्शन तथा चित्रण समतल कागज पर सरलता से किया जा सकता है।

मानचित्र की परिभाषाएँ

विभिन्न भूगोलविदों ने मानचित्र को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है

ए०ए० मिलर के अनुसार, “मैं मानचित्र को औजार के रूप में मानता हूँ। वास्तव में यह स्काउट के चाकू की अपेक्षा अधिक कल्पना प्रवीण चिह्नों से युक्त औजारों का पूर्ण थैला होता है। यदि इसका उचित प्रयोग किया जाए तो यह किसी भी भौगोलिक समस्या को अधिकांशतः सुलझा देता है।”

सिंह एवं कन्नौजिया के अनुसार, “मानचित्र समस्त पृथ्वी अथवा उसके किसी भाग का, जैसा कि वह ऊपर से दृष्टिगत होती है, परम्परागत लघु मापक चित्रण है।” इस प्रकार, मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग की धरातलीय अथवा मानवीय आकृतियों एवं कृतियों के सांकेतिक चिह्नों द्वारा समतल कागज पर बने आनुपातिक चित्रण को कहते हैं।

मानचित्र का महत्त्व

मानव अपने उपयोग के लिए मानचित्रों का निर्माण प्राचीनकाल से ही करता चला आ रहा है। मानचित्रों का उपयोग कृषकों, विद्यार्थियों, व्यापारियों, अर्थशास्त्रियों, योजना आयोग, राजनीतिज्ञों, यात्रियों, अन्वेषकों, विमानचालकों, त्योतिषियों, इतिहासकारों, अध्यापकों आदि के द्वारा पर्याप्त रूप में किया जाता है। भूगोल के अध्ययन में तो मानचित्रों का विशेष महत्त्व होता है। देश के योजनाकार मानचित्रों के आधार पर ही देश की भावी विकास योजनाओं का निर्माण करते हैं तथा भावी कार्यक्रम निर्धारित करते हैं। सैनिक मानचित्रों की सहायता से सैनिक अधिकारी सेना के संचालन का मार्ग तथा आक्रमण करने के स्थल सुनिश्चित करते हैं। वायुयान तथा जलयान चालक मानचित्रों के द्वारा अपनी आकाशीय एवं जलमार्ग सुनिश्चित करते हैं। भूगोल के जिज्ञासु भी इन्हीं मानचित्रों के सहयोग से पृथ्वी का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं तथा भूगोल के अध्यापक मानचित्रों की सहायता से ही विद्यार्थियों को विश्व का भौगोलिक ज्ञान प्रदान करते हैं। इस प्रकार मानचित्र एक पथ-प्रदर्शक तथा सहयोगी के रूप में भूगोल के अध्ययन और अध्यापन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वस्तुत: मानचित्र, भूगोल के यन्त्र एवं उपकरण हैं। मानचित्रों का उपयोग भूगोल के अध्ययन को सरसे, सरल, रोचक एवं बोधगम्य बना देता है। कोई भी दुरुह विषय मानचित्रों के माध्यम से छात्रों के लिए हृदयगामी बन जाता है। भौगोलिक यात्राओं की आधारशिला मानचित्र ही होते हैं।

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