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अनुक्रमणिका क्या है? वर्णात्मक अनुक्रमणिका का वर्णन कीजिए। 

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अनुक्रमणिका का अर्थ

अनुक्रमणिका से आशय अनुक्रमणिका एक ऐसी युक्ति या सूची होती है, जिसके द्वारा शीघ्रतापूर्वक यह पता लगाया जा सकता है कि अमुक पत्र या प्रलेख कहाँ रखा हुआ है। इसकी सहायता से भविष्य में सन्दर्भ के लिए उसे निकालने में सुविधा रहती है। अनुक्रमणिका की आवश्यकता/ उद्देश्य/ महत्त्व/ लाभ प्रत्येक प्रगतिशील व्यापारिक कार्यालय के लिए वर्तमान युग में अनुक्रमणिका का अत्यधिक महत्त्व होता है। पत्र-व्यवहार व्यापार की आत्मा होती है। बिना पत्र-व्यवहार के कोई भी व्यापार वर्तमान समय में सुचारु रूप से संचालित नहीं किया जा सकता है। इस उद्देश्य से पत्रों को सँभालकर रखना व्यापार के हित में होता है। इन्हें शीघ्रता व सुगमता से प्राप्त करने के लिए अनुक्रमणिका की आवश्यकता होती है। अनुक्रमणिका के महत्त्व या उद्देश्यों को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है

⦁    पत्रों को फाइल करने में सुविधा ग्राहकों के पत्रों व प्रलेखों को सुगमता व शीघ्रता से उपयुक्त स्थान पर फाइल करने के लिए अनुक्रमणिका सहायक होती है।

⦁    पत्रों को ढूंढने में सुविधा व्यापारिक कार्यालय में आने व जाने वाले पत्रों को फाइलों में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे किसी भी पत्र को ढूंढने में अनुक्रमणिका सहायता प्रदान करती है।

⦁    पत्रों को नस्तीकरण करने में सुविधा अनुक्रमणिका तैयार करने से पत्रों को सुरक्षित रखने में भी काफी सुविधा मिलती है।

⦁    समय तथा श्रम दोनों की बचत अनुक्रमणिका की सहायता से  आवश्यकता पड़ने पर पत्रों को खोजने में समय व श्रम दोनों की बचत होती है।

⦁    पत्रों को निश्चित क्रम में रखने की सुविधा अनुक्रमणिका एक निश्चित आधार के अनुसार बनाई जाती है। इस कारण, पत्रों को भी एक निश्चित क्रम में सुरक्षित रखा जा सकता है।

⦁    पुस्तकालय में उपयोगी पुस्तकालय में रखी हजारों पुस्तकों में से कोई एक पुस्तक सरलतापूर्वक निकालने के लिए अनुक्रमणिका का प्रयोग किया जा सकता है।

⦁    पत्रों एवं महत्त्वपूर्ण प्रलेखों की सुरक्षा अनुक्रमणिका की सहायता से पत्रों एवं प्रलेखों को रखने एवं निकालने में पत्रों को अधिक उलटना-पलटना नहीं पड़ता है। इससे पत्र फटने से बच जाते हैं।

⦁    खाताबही के लिए अनिवार्य खाताबही में अनुक्रमणिका अवश्य बनाई जाती है। इससे ग्राहक के खाते का तुरन्त ज्ञान हो जाता है।

⦁    खड़ी फाइलिंग के लिए अनिवार्य खड़ी फाइलिंग के अन्तर्गत अनुक्रमणिका तैयार करना अनिवार्य होता है।

⦁    अन्य लाभ अनुक्रमणिका द्वारा ग्राहकों के पते, उनके बैंक खातों की संख्या, उनके बैंक का नाम, उधार किस्तें, उनकी आर्थिक स्थिति, ग्राहकों के व्यवसाय एवं पूर्व सन्दर्भो, आदि की जानकारी सरलतापूर्वक प्राप्त हो जाती है।

वर्णात्मक अनुक्रमणिका

अनुक्रमणिका से आशय अनुक्रमणिका एक ऐसी युक्ति या सूची होती है, जिसके द्वारा शीघ्रतापूर्वक यह पता लगाया जा सकता है कि अमुक पत्र या प्रलेख कहाँ रखा हुआ है। इसकी सहायता से भविष्य में सन्दर्भ के लिए उसे निकालने में सुविधा रहती है। अनुक्रमणिका की आवश्यकता/उद्देश्य/महत्त्व/लाभ प्रत्येक प्रगतिशील व्यापारिक कार्यालय के लिए वर्तमान युग में अनुक्रमणिका का अत्यधिक महत्त्व होता है। पत्र-व्यवहार व्यापार की आत्मा होती है। बिना पत्र-व्यवहार के कोई भी व्यापार वर्तमान समय में सुचारु रूप से संचालित नहीं किया जा सकता है। इस उद्देश्य से पत्रों को सँभालकर रखना व्यापार के हित में होता है। इन्हें शीघ्रता व सुगमता से प्राप्त करने के लिए अनुक्रमणिका की आवश्यकता होती है।

अनुक्रमणिका के महत्त्व या उद्देश्यों को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है

⦁    पत्रों को फाइल करने में सुविधा ग्राहकों के पत्रों व प्रलेखों को सुगमता व शीघ्रता से उपयुक्त स्थान पर फाइल करने के लिए अनुक्रमणिका सहायक होती है।

⦁    पत्रों को ढूंढने में सुविधा व्यापारिक कार्यालय में आने व जाने वाले पत्रों को फाइलों में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे किसी भी पत्र को ढूंढने में अनुक्रमणिका सहायता प्रदान करती है।

⦁    पत्रों को नस्तीकरण करने में सुविधा अनुक्रमणिका तैयार करने से पत्रों को सुरक्षित रखने में भी काफी सुविधा मिलती है।

⦁    समय तथा श्रम दोनों की बचत अनुक्रमणिका की सहायता से आवश्यकता पड़ने पर पत्रों को खोजने में समय व श्रम दोनों की बचत होती है।

⦁    पत्रों को निश्चित क्रम में रखने की सुविधा अनुक्रमणिका एक निश्चित आधार के अनुसार बनाई जाती है। इस कारण, पत्रों को भी एक निश्चित क्रम में सुरक्षित रखा जा सकता है।

⦁    पुस्तकालय में उपयोगी पुस्तकालय में रखी हजारों पुस्तकों में से कोई एक पुस्तक सरलतापूर्वक निकालने के लिए अनुक्रमणिका का प्रयोग किया जा सकता है।

⦁    पत्रों एवं महत्त्वपूर्ण प्रलेखों की सुरक्षा अनुक्रमणिका की सहायता से पत्रों एवं प्रलेखों को रखने एवं निकालने में पत्रों को अधिक उलटना-पलटना नहीं पड़ता है। इससे पत्र फटने से बच जाते हैं।

⦁    खाताबही के लिए अनिवार्य खाताबही में अनुक्रमणिका अवश्य बनाई  जाती है। इससे ग्राहक के खाते का तुरन्त ज्ञान हो जाता है।

⦁    खड़ी फाइलिंग के लिए अनिवार्य खड़ी फाइलिंग के अन्तर्गत अनुक्रमणिका तैयार करना अनिवार्य होता है।

⦁    अन्य लाभ अनुक्रमणिका द्वारा ग्राहकों के पते, उनके बैंक खातों की संख्या, उनके बैंक का नाम, उधार किस्तें, उनकी आर्थिक स्थिति, ग्राहकों के व्यवसाय एवं पूर्व सन्दर्भो, आदि की जानकारी सरलतापूर्वक प्राप्त हो जाती है।

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