Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
2.4k views
in Hindi by (43.2k points)
closed by

निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

सूरज डूबने लगा और धीरे-धीरे ग्लेशियरों में पिघली केसर बहने लगी। बर्फ कमल के लाल फूलो में बदलने लगी, घाटियाँ गहरी नीली हो गयीं। अँधेरा होने लगा तो हम उठे और मुँह-हाथ धोने और चाय पीने में लगे। पर सब चुपचाप थे, गुमसुम जैसे सबका कुछ छिन गया हो या शायद सबको कुछ ऐसा मिल गया हो, जिसे अन्दर-ही-अन्दर सहजेने में सब आत्मलीन हो अपने में डूब गये हों।

(1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) किस समय बर्फ कमल के लाल फूलों में बदलने सी प्रतीत होने लगी?

1 Answer

+1 vote
by (41.9k points)
selected by
 
Best answer

1.सन्दर्भप्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक हिन्दी गद्य में धर्मवीर भारती द्वारा रचित ठेले पर हिमालय नामक पाठ से लिया गया है। प्रस्तुत अवतरण में लेखक ने कौसानी की सायंकालीन बेला का चित्रण किया है।

2.रेखांकित अंशों की व्याख्यालेखक कहता है कि जब सूर्य अस्त होने का समय आया तो ग्लेशियरों में पिघली केसर प्रवाहित होने लगी। बर्फ कमल के लाल फूलों में बदलने-सी प्रतीत होने लगी और घाटियाँ नीली दिखायी पड़ने लगीं। अँधेरा हो गया। मैं उठा और हाथ-मुँह धोकर चाय पीने लगा। उस समय का वातावरण बिल्कुल शान्त था। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे सबका सर्वस्व छिन गया हो या सभी को सब कुछ मिल गया हो और ऐसा लग रहा था जैसे सभी अन्दर-अन्दर संजोने में तल्लीन होकर आत्मविभोर हो गये हों। यह दृश्य अत्यन्त मनमोहक था।

3.सूर्य अस्त के समय बर्फ कमल के लाल फूलों में बदलने सी प्रतीत होने लगी।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...