सड़क यातायात के नियम विवेकपूर्ण होते हैं और उनका विवेकपूर्ण पालन करना भी आवश्यक होता है। सड़क पर चलने वालों की सुरक्षा के लिए अनेक कानून एवं नियम बनाये गये हैं जिसका पालन करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व होता है। जिससे हर कोई घर सुरक्षित पहुँच सके।
पैदल, साइकिल एवं रिक्शा चालकों को हमेशा अपनी लेन में अर्थात् बायीं तरफ रहना चाहिए एवं सड़क पार करते समय दायें-बायें देखने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए। व्यस्त सड़कों पर हमेशा जेब्रा क्रासिंग का प्रयोग करना चाहिए तथा क्रास करते समय कभी यह न सोचना चाहिए कि वाहन चालक उसे देख रहा है। सड़क की संरचनात्मक ढाँचागत सुविधाओं का पूरा उपयोग हो इसलिए सब-वे (तल मार्ग), फुट ओवर ब्रिज सबका पालन नियमगत करना आवश्यक होता है। शार्टकट या आसान विकल्प खोजना खतरनाक हो सकता है।
पैदल यात्रियों को सड़क पार करते समय मोटर-वाहनों एवं अपने बीच पर्याप्त दूरी रखना चाहिए और पार्क की गई या खड़ी गाड़ियों के बीच से रास्ता नहीं बनाना चाहिए। सड़क के खतरों से अधिकांशत: बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिसमें हमेशा चालक की गलती नहीं होती है, क्योंकि बच्चों की लापरवाही और जागरूकता की कमी से भी सड़क दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है। बच्चे हमेशा बड़ों का अनुसरण करते हैं। इसलिए उनके सामने विवशता में भी सड़क के नियम का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और उन्हें ‘रुकें, देखें, सुनें, सोचें’ का मूल मंत्र बताना व पालन कराना अति आवश्यक होता है।