एक काल्पनिक देश आनंदलोक में लोग विदेशी शासन को समाप्त करके पुराने राजपरिवार को
सत्ता सौंपते हैं। वे कहते हैं, ‘आखिर जब विदेशियों ने हमारे ऊपर राज करना शुरू किया तब इन्हीं के पूर्वज हमारे राजा थे। यह अच्छा है कि हमारा एक मजबूत शासक है जो हमें अमीर और ताकतवर बनने में मदद कर सकता है। जब किसी ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की बात की तो वहाँ के सयाने लोगों ने कहा कि यह तो एक विदेशी विचार है। हमारी लड़ाई विदेशियों और उनके विचारों को देश से खदेड़ने की थी। जब किसी ने मीडिया की आजादी की माँग की तो बड़ेबुजुर्गों ने कहा कि शासन की ज्यादा आलोचना करने से नुकसान होगा और इससे अपने जीवन स्तर को सुधारने में कोई मदद नहीं मिलेगी। “आखिर महाराज दयावान हैं और अपनी पूरी प्रजा के कल्याण में बहुत दिलचस्पी लेते हैं। उनके लिए मुश्किलें क्यों पैदा की जाएँ? क्या हम सभी खुशहाल नहीं होना चाहते?”
उपर्युक्त उद्धरण को पढ़ने के बाद चमन, चंपा और चंदू ने कुछ इस तरह के निष्कर्ष निकालेचमन
चमन:आनंदलोक एक लोकतांत्रिक देश है क्योंकि लोगों ने विदेशी शासकों को उखाड़ फेंका और राजा का शासन बहाल किया।
चंपा : आनंद्रलोक लोकतांत्रिक देश नहीं है क्योंकि लोग अपने शासन की आलोचना नहीं कर सकते। राजा अच्छा हो सकता है और आर्थिक समृद्धि भी ला सकता है लेकिन राजा लोकतांत्रिक शासन नहीं ला सकता।
चंदू : लोगों को खुशहाली चाहिए इसलिए वे अपने शासन को अपनी तरफ से फैसले लेने देना चाहते हैं। अगर लोग खुश हैं तो वहाँ का शासन लोकतांत्रिक ही है।
इन तीनों कथनों के बारे में आपकी क्या राय है? इस देश में सरकार के स्वरूप के बारे में आपकी क्या राय है?