अजन्ता के चित्र अपने आप में इतने जीवन्त हैं कि उन्हें देखते हुए आँखें अटक जाती हैं। वे उन पर से हटने का नाम नहीं लेती। सभी चित्र बोलते से लगते हैं। चित्रों में पशुओं की मानवोचित व्यवहार करते देखकर दंग रह जाना पड़ता है। इन्हें दर्शाते समय चित्रकारों ने अपनी जानकारी का पूरी तरह उपयोग किया है। नगरों, गाँवों, महलों और झोंपड़ियों, समुद्रों और पनघटों का संसार अजन्ता के पहाड़ी जंगल पर उतर पड़ा है। यह चित्रकारी इतनी खूबी से चित्रित हुई है कि देखते ही बनती है।