‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में प्रत्यक्ष रूप से नहीं तो परोक्ष रूप से देशभक्ति की भावना को अपने हृदय में उजागर रखने का संदेश देता है। आजकल लोगों में देशभक्ति की भावना कम होती जा रही है। लोग पन्द्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी पर ही अपनी इस भावना को प्रकट करते हैं। यहाँ लेखक ने केप्टन द्वारा नेताजी को तरह-तरह के चश्मे पहनाता हुआ बताकर उसके द्वारा देशभक्ति की भावना प्रकट करते हैं।
साथ-साथ जिस व्यक्ति ने सरकंडे की कलम पहनाया था वह भी एक आम नागरिक का परिचायक है। यह जरूरी नहीं कि देशभक्ति प्रदर्शित करने के लिए किसी बड़े अवसर की तलाश हो, छोटे-छोटे अवसर पर भी हम अपनी देशभक्ति की भावना को प्रदर्शित कर सकते हैं। हालदार साहब के चरित्र द्वारा लेखक देशभक्त लोगों का सम्मान करवा कर उसकी महत्ता प्रतिपादित करते हैं। सरकंडे का चश्मा लगाने के कार्य में हमें अपने देश के प्रति देशप्रेम तथा देशभक्ति की भावना को मजबूत बनाने का संदेश मिलता है।