जब अदालत को सर्वप्रथम ही विवादों को सुनकर निर्णय देने की सत्ता प्राप्त हो तो उसे न्यायालय मूलाधिकार कहा जाता है ।
इसमें निम्न सत्ताएँ हैं –
- संघ सरकार या एक या एक से अधिक राज्यों के बीच उत्पन्न विवाद के निराकरण की सत्ता प्राप्त है।
- एक तरफ भारत सरकार तथा एक या एक से अधिक राज्य दूसरी ओर एक या उससे अधिक राज्यों के बीच विवाद, मतभेद या टकराव के संबंध में समाधान करने की सत्ता है ।
- दो या दो से अधिक राज्यों के बीच झगड़ा या उत्पन्न विवादों के संदर्भ में निर्णय देने की सत्ता सर्वोच्च न्यायालय की है ।
- सर्वोच्च न्यायालय को संघ सरकार के किसी भी कानून अथवा संवैधानिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्नों के संदर्भ में निर्णय देने का अधिकार
- नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा की सत्ता के अलावा मूलभूत अधिकारों के भंग के विरुद्ध आवश्यक आदेश देने की सत्ता हैं ।