अर्थशास्त्र के अध्ययन में Tech. के विविध साधनो का योगदान महत्त्वपूर्ण हो, जो निम्नानुसार है :
(A) कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी : अर्थशास्त्र का विद्यार्थी कम्प्यूटर से अपरिचित नहीं है । स्कूल, घर में वो कम्प्यूटर का उपयोग करता
है । अब तो मोबाईल फोन भी कम्प्यूटर का काम करने लगा है । अर्थशास्त्र में कम्प्यूटर का उपयोग निम्नानुसार है :
(1) विषय के प्रेजेन्टेशन के लिए : अर्थशास्त्र के सिद्धांतो या अटपटी सांख्यिकीय जानकारी को पावरपोईंट प्रेजेन्टेशन द्वारा खूब सरलता से समझा सकते हैं । जैसे कि अंदाजपत्र को समझाने के लिए अंदाजपत्र का अर्थ, अंदाजपत्र के विभागों और अंदाजपत्र की अलग-अलग तीन स्लाईड बनाकर अंदाजपत्र के प्रकरण को सरलता से समझा सकते है ।
(2) विषय की जानकारी को एक्सेल वर्कशीट में रखने के लिए : अर्थशास्त्र के विषय में संशोधन करनेवाले विशेषज्ञ और विषय का गहरा अध्ययन करनेवाले बड़े पैमाने पर सांख्यिकीय जानकारी का उपयोग करते है । ऐसी जानकारी कम्प्यूटर के प्रोग्राम के लिए एक्सेल शीट में रखने से जानकारी का योग, औसत, सहसंबंध आदि मिनटों में ही प्राप्त कर सकते है । एक्सेल शीट यह सांख्यिकीय जानकारी को प्रोसेस करने के लिए एक प्रोग्राम है । इसके द्वारा सांख्यिकीय जानकारी के लिए विविध प्रकार । की आकृतियाँ भी बना सकते है ।
(3) आकृति और आलेख बनाने के लिए : कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी के कितने ही प्रोग्रामो की मदद से अर्थशास्त्र की सांख्यिकीय माहिती का उपयोग करके आकृति या आलेख्न बना सकते है । जैसे – वर्ड फाईल के उपयोग से माँग – पूर्तिरेखा जैसी सरल आकृतियाँ बना सकते है । जबकि एक्सल शीट द्वारा अर्थशास्त्र की सांख्यिकीय माहिती के लिए आकृति – आलेख निश्चित माप के अनुसार बना सकते हैं।
(4) जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए : अर्थशास्त्र के अध्ययन और संशोधन के लिए विषय की बहुत सारी जानकारी अनिवार्य होती है । ऐसी जानकारी को नोटबुक या पुस्तक में सुरक्षित रखना कठिन होता है । परन्तु कम्प्यूटर की हार्डडिस्क यां पेनड्राईव में संग्रहति करके कहीं पर भी सरलता से ले जा सकते है । इसके उपरान्त ऐसी जानकारी ई-मेल में सुरक्षित करके दुनिया के किसी भी छोर पर पढ़ सकते हैं । और हम अपने अध्ययन के सामग्री को आजीवन सुरक्षित रख सकते है । वर्तमान समय dropbox, google, drive, digilocker इत्यादि की भी व्यवस्था उपलब्ध है ।
(5) SPSS, SHAZAM जैसे एडवांस प्रोग्रामों का उपयोग : कम्प्यूटर द्वारा ऐसे एडवांस प्रोग्रामों का उपयोग करके असंख्य जानकारी के लिए सांख्यिकीय गणना हो सकती है ।
जो संशोधन संस्था या संशोधन करनेवाले के लिए उपयोगी बनती है । कम्प्यूटर एक साधन है । वह अध्ययन सामग्री नहीं है । परंतु अध्ययन को सरल बनाने में सहायता करता है । इसलिए उसका उपयोग ज्ञान या अध्ययन के प्रतिस्थापन में नहीं हो सकता है । कम्प्यूटर प्रोग्राम की जानकारी के बिना जानकारी पर से प्राप्त हुए परिणाम या आकृति – आलेख विषय के अध्ययन को गलत रास्ते पर ले जाते हैं ।
(B) इन्टरनेट टेक्नोलॉजी : इन्टरनेट एक डिजिटल टेक्नोलॉजी का एक स्वरूप है । अर्थशास्त्र के अध्ययन में इन्टरनेट टेक्नोलॉजी का महत्त्वपूर्ण योगदान है जो निम्नानुसार है : ट्यूटोरियल का कार्य करता है :
(1) इन्टरनेट की कुछ वेबसाईट पर अर्थशास्त्र की अध्ययन सामग्री अर्थशास्त्र पावरपोईन्ट प्रेजेन्टेशन आदि ओपन ऐक्सेस लिंक द्वारा पढ़ सकते है । जो विषय का Tutorial का कार्य करता है ।
(2) विषय की जानकारी और शिक्षा तत्काल प्राप्त करने के लिए : इन्टरनेट की website पर कुछ संस्थाएँ, अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के भाषण, भाषणों के video आदि open access link द्वारा वर्गखण्ड जैसा विषय का तत्काल शिक्षण प्राप्त होता है । और विषय की संपूर्ण जानकारी मिलती है । विषय विशेषज्ञों, शिक्षकों के व्याख्यान, स्कूल या कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए इन्टरनेट के माध्यम से T.V. पर प्रसारित होता है । जो वर्गखण्ड में वर्गखण्ड जैसा पढ़ने एवं सीखने को मिलता है ।
(3) विषय की पढ़ने योग्य सामग्री मिलती है : इन्टरनेट के माध्यम से असंख्य किताबे, विशेषज्ञों के लेख, विषय से संबंधित जनरल आदि फ्रि में पढ़ने को मिलते है । कभी-कभी अधिक खर्च करके भी पढ़ सकते है । विषय की विविध जानकारी मिलती है।
(4) विषय की विविध जानकारी तथा अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए : इन्टरनेट पर सर्च करके अर्थशास्त्र और अन्य विषय की डिग्री देनेवाली कॉलेज और युनिवर्सिटी की जानकारी प्राप्त की जा सकती है तथा विषय के संदर्भ पुस्तक विषय विशेषज्ञों के दिए गए लेख तथा परिभाषाएँ और उनके कोटेशन को भी प्राप्त कर सकते हैं ।
(5) सांख्यिकीय जानकारी प्राप्त करने के लिए : अर्थशास्त्र के विभिन्न अध्ययन के लिए आवश्यक जानकारी जैसे कि सरकार का बज़ट, कृषि उत्पादन, आयात-निर्यात, गरीबी का प्रमाण, रोजगार का प्रमाण, औद्योगिक उत्पादन आदि इन्टरनेट की अलग-अलग website से प्राप्त कर सकते है । अर्थशास्त्र में कुछ जानकारी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करनेवाली संस्थाओं की website पर से प्राप्त कर सकते है ।
जैसे कि – CSO, NSSO, WHO, UNO, CMIE आदि की website ।
* इन्टरनेट भी एक साधन है । शिक्षक या अपनी विचारशक्ति और तर्कशक्ति का स्थान नहीं ले सकता । इन्टरनेट पर से कभी गलत या अनावश्यक जानकारी प्राप्त होती है । जिससे अपने को दूर रहना चाहिए । किसी भी विश्वसनीय website से ही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए । जिससे अपना अध्ययन अर्थपूर्ण बने ।
(C) कोम्पेक्ट डिस्क का उपयोग : अधिकृत संस्थाएँ अर्थतंत्र से संबंधित सांख्यिकीय जानकारी की CD बनाकर विक्रय करती है । जिसका उपयोग संशोधन संस्थाएँ, शिक्षण संस्थाएँ तथा उच्च अभ्यास के लिए किया जाता है ।
भारत में राष्ट्रीय आय की CD, जनगणना की CD, उद्योगों के सर्वे की CD, NSSO की CD आदि उपलब्ध है ।
अर्थतंत्र से बहुत सारी जानकारी की CD संबंधित मंत्रालय के सांख्यिकीय विभागों में से प्राप्त कर सकते है । समग्र अर्थतंत्र के महत्त्वपूर्ण अंकों की CD और software C&MIE – C&enter for Monitoring Indian Economy जैसी संस्था तैयार करके बाज़ार में विक्रय के लिए रखती है ।
अर्थतंत्र की जानकारी देनेवाली CD की कुछ जानकारी अनावश्यक होती है । इसमें से कौन-सी जानकारी उपयोगी है । यह निश्चित करना कठिन होता है । software उपयोग के लिए भी जानकारी होना जरूरी है ।